दिल्ली में डेंगू का आतंक दिन- ब - दिन बढ़ रहा हैं , अभी हाल ही में इसके मरीजों की संख्या दो हजार तक पहुच चुकी है। हालात ये है कि दिल्ली का कोई भी इलाका ऐसा नहीं जो डेंगू की चपेट में न हो , आज डेंगू की वजह से जनता परेशान हैं , वहीं इससे निपटने के बजाय दोनों पार्टियां इसे चुनावी मुद्दा बनाने की जुगत में लगी हैं। डेंगू का प्रकोप बढ़ रहा है , दूसरी और सरकार एक दुसरे पर आरोप प्रत्यारोप में लगी है । आकड़े बताते हैं कि 1970 से पहले सिर्फ नौ देशों में ही डेंगू की महामारी फैली थी । 25 अरब या दुनिया के चालीस फ़ीसदी लोंगो को डेंगू का खतरा है ,पांच से दस करोड़ लोंगो को हर साल गंभीर डेंगू का संक्रमण होता हैं। सौ देशों में महामारी का रूप ले चुका है , हर साल 12500 लोंगो की मृत्यु डेंगू से होती हैं । आज स्थिती यह है कि दिल्ली में डेंगू के डर के साए में लोग जी रहे है , दिल्ली का कोई भी इलाका आज डेंगू से मुक्त नहीं हैं । डेंगू से बचाव के लिए सबसे ज्यादा साफ सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए और सतर्क रहने की जरुरत हैं। अस्पतालों में मरीजों के लिए बेड तक उपलब्ध नहीं ,ब्लड बैंक में ब्लड नहीं मिलता है , इससे पहले की हालात बद से बदतर हो जाए । दिल्ली सरकार और आम जनता दोनों को मिलकर ठोस कदम उठाने की जरुरत हैं , इस साल दिल्ली सरकार ने डे गू के खिलाफ़ जनजागरण अभियान भी ठीक से नहीं चलाया। कई जगह से मृत्यु की खबरें आने के बाद भी फोगिंग और नालियों की सफाई नहीं की गयी । क्या सरकार सिर्फ जनता से टैक्स वसूलना ही जानती हैं ? जब फर्ज निभाने की बारी आती है , तो ऐसा लगता है सो जाती है । लेकिन इस साल उसे यह बेफिक्री कहीं भारी न पर जाए , क्योंकि चंद महीनों में ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। सुगंधा झा
Thanks.
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