Monday 12 August 2013

भारत से धोखा

क्यों पाकिस्तान बार-बार हमला कर रहा है और भारत सरकार बैठ कर बातचीत करना चाहती है.
आखिर कब तक हम यूं ही सब कुछ सहते रहेंगे. 1948, 1971, 1998, में भारत की पाकिस्तान से जंग हो चुकी है.
भारत के कश्मीरी भूभाग पर पाकिस्तान ने नाजायज कब्ज़ा कर रखा है, जिससे तनाव की स्थिती बनी रहती है.

पाकिस्तानी सेना लगातार भारतीय सीमा का उल्लंघन करती आ रही है. साल 2010 में 44 बार, 2011 में 51 बार, 2012 में 71 बार, 2013 में अब तक
57 बार उल्लंघन कर चुकी है.

अब तक साल 2013 में ही पाकिस्तान ने तैंतीस बार सीमा का उल्लंघन किया है और जिस में जुलाई में ही छह बार हमले हुए है, इस में अब तक पैंतीस जवान शहीद हुए है.

आठ जनवरी 2013 को भी पाकिस्तान ने भारत की नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किया है, जिसमे दो जवानों के सर काट कर ले गए, जिसके विरोध में भारत आये पाकिस्तान के हॉकी खिलारियों को वापस भेज दिया गया.

अभी मंगलवार को ही जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर के सरला पोस्ट में 450 मीटर अंदर घुसकर हमला किया गया जिसमें पांच जवान शहीद हो गये. इसमें बिहार रेजिमेंट के ही चार जवान थे और एक मराठा रेजिमेंट का.

बिहार के छपरा जिले के नायक प्रेमनाथ (35), छपरा के ही रघुनंदन प्रसाद (23), भोजपुर जिले के लांस नायक शंभूशरण (29), पटना के विजय कुमार राय (27) और महाराष्ट्र के नायक पुंडलिक माने शामिल हैं.

जिस तरह ये अपनी जान की बजी लगा कर हमारी रक्षा करते है, उसमें हमारे नेताओं की बयानबाजी कहां तक सही है.

ये लोग इनकी मौत पर भी सियासत करने से नहीं चूकते. क्या आखिर दो चार या दस लाख मुआवजा देकर ये लोग उनके परिवार का पालन कर सकते है, उनकी कमी को पूरा किया जा सकता है.

हम उनकी सुरक्षा नहीं कर सकते तो कम से कम उनके घाव पर नमक नहीं लगाना चाहिए. इस हमले के बाद बिहार के एक मंत्री जी का कहना है की पुलिस और सेना में लोग मरने के लिए ही भर्ती होते हैं.

बार-बार इस तरह के हमलों के वावजूद भी कुछ नेताओ का कहना है की युद्ध कोई हल नहीं बल्कि बातचीत के जरिये मामले को सुलझाया जा  सकता है. क्यों हम लोग हर बार किसी बड़े हमले का इंतजार करते है?

लगातार इस तरह की घटना के बावजूद मिलकर कदम उठाने के बजाय नेता लोग एक-दूसरे पर दोषारोपण करते रहते हैं. अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाये. नहीं तो इसी तरह हमले आगे भी होते रहेंगे और हमारे वीर जवानों की जान जाती रहेगी.

अब सरकार को कठोर कदम उठाने होंगे और पाकिस्तान को जवाब देना ही होगा. वक़्त आ गया है की इस तरह की घटना का मुंहतोड़ जवाब दिया जाये. नहीं तो पाकिस्तान आपनी चाल से बाज नहीं आएगा.

-सुगंधा झा
पूर्व प्रकाशित http://www.topnewsindia.com/2013/08/blog-post_7263.html

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